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Friday, 15 February 2019

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पुलवामा ह’मले के बाद महबूबा का शर्मनाक बयान..लोग बोले-पहले इसको उठाकर जेल में डालो

New Delhi :  आ’तंकियों के लिए कई बार अपनी हमदर्दी का इजहार कर चुकी जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम मुफ्ती महबूबा ने बेतुका बयान दिया है। 42 सीआरपीएफ जवानों की शहादत पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के खू’न-खरा’बे बंद होनी चाहिए। इसके लिए सर्जिकल स्ट्राइक और सीमा पर तनाव नहीं होना चाहिए।
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मुफ्ती महबूबा का पूरा बयान : पीडीपी प्रमुख मुफ्ती ने कहा, ‘इसकी निंदा करने के लिए मेरे पास अल्फाज नहीं हैं। उन शहीदों के परिवार का क्या हाल होगा। उन पर तूफान आ गया है कैसे संभालेंगे वो खुद को। तमाम मुल्क की जमात मिलकर इस मसले का हल निकालें ताकि खू’न ख’राबा बंद हो जाएं। सर्जिकल स्ट्राइक से हमें कुछ नहीं मिल रहा बल्कि हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। यहां भी कश्मीर में रोज लोग म’रते रहते हैं। ये खू’न ख’राबे को बंद करने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों को इकट्ठा होना चाहिए। एनडीए सरकार के साथ मिलकर रास्त निकालना चाहिए।’

परिवार को लौटाया जाए अफजल का अवशेष: महबूबा : बुधवार को मुफ्ती ने विवादित बयान देते हुए कहा कि अफजल गुरू को फांसी नहीं होनी चाहिए थी। उन्होंने एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अफजल की फां’सी रोकने के लिए हमने राष्ट्रपति को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं मुफ्ती ने भारत की संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरू के शरीर के अवशेष को कश्मीर में वापस लाए जाने की भी मांग की है। इससे पहले भी कई मौके पर पूर्व सीएम ने कहा है कि पीडीपी और उनकी मांग है कि अफजल के अवशेष को उसके परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया जाए

बता दें कि गुरुवार को जम्मू कश्मीर का सबसे बड़ा आ’तंकी ह’मला हुआ। जिसमें अबतक करीब 42 जवान शहीद हुए हैं। पुलिस सूत्रों और अन्य अधिकारियों ने कहा कि लेथपोरा इलाके में एसयूवी चला रहे आ’त्मघाती ह’मलावर ने दोपहर करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ। घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे।


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