PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक दिवसीय बिहार यात्रा के दौरान आज पटना एयरपोर्ट पहुंचे जहाँ राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उनकी आगवानी की। प्रधानमंत्री पटना से बरौनी के लिए हेलिकॉप्टर से रवाना होंगे जहाँ वो सात हजार करोड़ की लागत से बनने वाले खाद कारखाने की आधारशिला रखेंगे। रौनी खाद कारखाना अब हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड के नाम से जाना जायेगा। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर इंडियन ऑॅयल कॉर्पोरेशन के निदेशक राम गोपाल ने निरीक्षण किया है। कारखाने के निर्माण पर 7 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। इस कारखाने का निर्माण कार्य जनवरी, 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही मई, 2021 से ही यहां यूरिया का उत्पादन होने लगेगा।
मई 2021 तक प्रत्येक दिन 3850 टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा। वर्ष 1999 से बंद पड़े बरौनी खाद कारखाना के हर्ल बरौनी परिसर में 2019 में मशीनों की शोर और मजदूरों की आवाजाही के कारण रोजगार का प्रमुख केंद्र के रूप में दिखेगा। हर्ल बरौनी के अंदर पाइलिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। 6.5 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले खाद कारखाना से प्रति वर्ष 12.70 लाख मैट्रिक टन उत्पादन कर बिहार के किसानों का कायाकल्प करेगी। बरौनी खाद कारखाना हर्ल के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर संजय कुमार ने कहा कि अगर किसी तरह की कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं आती है तो 2021 में प्लांट चालू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री बरौनी से ही मुख्यमंत्री की उपस्थिति में पटना मित्रों का शिलान्यास रिमोट के जरिये करेंगे। पहला कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर (16।94 किलोमीटर) तक और दूसरा पटना जंक्शन से नया आईएसबीटी (14।45 किलोमीटर) तक होगा। पहला कॉरिडोर 11.20 किमी जमीन के भीतर व 5।48 किमी आंशिक एलिवेटेड होगा। इसमें 11 स्टेशन होंगे-आठ जमीन के भीतर व तीन एलीवेटेड। दूसरा कॉरिडोर जमीन के भीतर 4.55 किमी व एलिवेटेड 9.9 किलोमीटर होगा। इसमें 12 स्टेशन होंगे-नौ एलिवेडेट व तीन जमीन के अंदर। राज्य सरकार भव्य शिलान्यास समारोह आयोजित करने की तैयारी में जुटी है। दो शिलान्यास समारोह होंगे। बरौनी में जहां प्रधानमंत्री शिलान्यास करेंगे, वहीं पटना में विधिवत शिलान्यास समारोह होगा।
मई 2021 तक प्रत्येक दिन 3850 टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा। वर्ष 1999 से बंद पड़े बरौनी खाद कारखाना के हर्ल बरौनी परिसर में 2019 में मशीनों की शोर और मजदूरों की आवाजाही के कारण रोजगार का प्रमुख केंद्र के रूप में दिखेगा। हर्ल बरौनी के अंदर पाइलिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। 6.5 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले खाद कारखाना से प्रति वर्ष 12.70 लाख मैट्रिक टन उत्पादन कर बिहार के किसानों का कायाकल्प करेगी। बरौनी खाद कारखाना हर्ल के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर संजय कुमार ने कहा कि अगर किसी तरह की कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं आती है तो 2021 में प्लांट चालू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री बरौनी से ही मुख्यमंत्री की उपस्थिति में पटना मित्रों का शिलान्यास रिमोट के जरिये करेंगे। पहला कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर (16।94 किलोमीटर) तक और दूसरा पटना जंक्शन से नया आईएसबीटी (14।45 किलोमीटर) तक होगा। पहला कॉरिडोर 11.20 किमी जमीन के भीतर व 5।48 किमी आंशिक एलिवेटेड होगा। इसमें 11 स्टेशन होंगे-आठ जमीन के भीतर व तीन एलीवेटेड। दूसरा कॉरिडोर जमीन के भीतर 4.55 किमी व एलिवेटेड 9.9 किलोमीटर होगा। इसमें 12 स्टेशन होंगे-नौ एलिवेडेट व तीन जमीन के अंदर। राज्य सरकार भव्य शिलान्यास समारोह आयोजित करने की तैयारी में जुटी है। दो शिलान्यास समारोह होंगे। बरौनी में जहां प्रधानमंत्री शिलान्यास करेंगे, वहीं पटना में विधिवत शिलान्यास समारोह होगा।
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