ज्ञात हो की MSU क्षेत्र और छात्र के लिए काम करने वाली युवाओं की एक गैरराजनीतिक संस्था है। विगत कई महीनों से ये मिथिला क्षेत्र के 20 जिलों को मिलाकर मिथिला डेव्लपमेंट बोर्ड के गठन के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मिथिला क्षेत्र में ऐम्स, एयरपोर्ट, केंद्रीय विश्वविद्यालय, बंद पड़े चीनी मीलों-सुत मील-जुट मील-पेपर मील को पुनः खुलवाने, बाढ़-सुखाड़ समेत क्षेत्र की कई समस्याओं के कलेक्टिव मांग के लिए इन्होंने कई बार आंदोलन किया। इसके लिए इन्होंने दिल्ली के संसद मार्ग पर हजारों की संख्या मे लॉन्ग मार्च किया, शांतिपूर्वक मिथिला बंद का आहवाहन किया और दरभंगा के राज मैदान मे हजारों मैथिलों को जुटाकर रैली की। इस सबके बाद जब सरकार व व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ा तो फिर इन्होंने शांतिपूर्वक एनएच57 (ईस्ट-वेस्ट कॉरीडोर) बंद करने का आहवाहन किया। इसकी लिखित सूचना भी हमने 9 दिन पहले ही MSU ने जिला प्रशासन के पास जमा करवा दिया था।
25 फरवरी के दिन जब एमएसयू ने एनएच जाम किया तो कई किलोमीटर की लंबी लाइन लग गई, बावजूद इसके हमने मरीजों, प्रीक्षार्थीयों और आर्मी को सममानपूर्वक रास्ता दिया। इनकी एक ही मांग थी की कोई औथेंटीक अधिकारी इनसे वार्ता करने आएँ लेकिन दरभंगा पूलिस ने तानाशाही दिखाते हुए शांतिपूर्वक बैठे हमारे कार्यकर्ताओं पर बर्बर लाठीचार्ज किया। इनके दर्जनों कार्यकर्ता चोटिल हो गए और सबको डीएमसीएच मे भर्ती करवाना पड़ा। इसके अलावे पूलिस ने इनके 7 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पूलिसिया दमन की इंतहा तब हुई जब इनके गिरफ्तार कार्यकर्ताओं पर अटेम्प्ट मर्डर, किडनैपिंग, दंगा समेत 12 जघन्य चार्जेज लगाए गए। इनमे से अधिकांश नॉन-बेलेबल है और इनके कार्यकर्ता जेल मे हैं, उनकी बेल सेशन कोर्ट मे रीजेक्ट हो गई अब इसके बाद आम मैथिल मिथिला स्टूडेंट यूनियन के संग सोशल मीडिया पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के समर्थन में उतर आये व वे #release_senani के साथ एक मुहिम चला रहे है जिसका समर्थन हजारो लोग कर रहे है ।
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