New Delhi: पुलवामा में हुए आ’तंकी हम’ले में पंजाब का एक और ‘शेर’ शही’द हो गया। ह’मले में सीआरपीएफ की जो बस उड़ाई गई, उसे यही बहादुर जवान चल रहा था। इस आतं’की हम’ले में 44 जवान श’हीद हो गए। पत्नी को जैसे ही शहादत का पता चला, वह बेहोश हो गई। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार जैमल को लेकर आने की बात कह रही हैं। बताया जा रहा है कि जैमल सिंह 19 साल की उम्र में सीआरपीएफ में भर्ती हो गए थे। उनका जन्म 26 अप्रैल 1974 को हुआ था। वे अपने बेटे के काफी करीब थे और अक्सर बहुत देर तक उससे फोन पर बात किया करते थे।
श’हादत की खबर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। शही’द की पहचान पंजाब के मोगा जिले के कस्बा कोटइसेखां के रहने वाले जवान जैमल सिंह के रूप में हुई। जैमल ड्राइवर थे और जब यूनिट एक से दूसरी जगह शिफ्ट की जा रही थी, तब सीआरपीएफ की बस को वही चला रहे थे। जैसे ही काफिला पुलवामा पहुंची, एक एसयूवी गाड़ी बस से आकर भिड़ गई। टक्कर लगते ही ध’माका हो गया और बस के परखच्चे उड़ गए। जैमल सिंह की शहादत की खबर गांव पहुंच चुकी है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पंजाब का एक लाल भी वीरगति को प्राप्त हुआ। गांव में शहादत की खबर पहुंच गई है, जिसके बाद लोग भड़के हुए हैं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद जवान के परिजनों और गांव वालों का कहना है कि बस अब बहुत हो गया। सरकार को दुश्मनों से बदला लेना चाहिए, मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए, तब जाकर कलेजे को शांति मिलेगी। शहीद की पहचान तरनतारन के हरिकेपत्तन के गांव गंडीविंड का सुखजिंद्र सिंह पुत्र गुरमेल सिंह के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि वह 15 पहले पहले ही छुट्टी खत्म करके ड्यूटी पर गए थे।
श’हीद के पिता गुरमेल सिंह ने बताया कि सुखजिंद्र सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन का जवान था। सुखजिंद्र दो साल पहले ही गांव शकरी निवासी सरबजीत कौर के साथ शादी के बंधन में बंधे थे और उनका 8 महीने का बच्चा गुरजोत सिंह भी है। शहीद का भाई जंटा सिंह पंजाबी सिंगर है। शहादत की खबर देर रात मिली। उसके बाद से परिवार में कोहराम मच गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
श’हादत की खबर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। शही’द की पहचान पंजाब के मोगा जिले के कस्बा कोटइसेखां के रहने वाले जवान जैमल सिंह के रूप में हुई। जैमल ड्राइवर थे और जब यूनिट एक से दूसरी जगह शिफ्ट की जा रही थी, तब सीआरपीएफ की बस को वही चला रहे थे। जैसे ही काफिला पुलवामा पहुंची, एक एसयूवी गाड़ी बस से आकर भिड़ गई। टक्कर लगते ही ध’माका हो गया और बस के परखच्चे उड़ गए। जैमल सिंह की शहादत की खबर गांव पहुंच चुकी है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में पंजाब का एक लाल भी वीरगति को प्राप्त हुआ। गांव में शहादत की खबर पहुंच गई है, जिसके बाद लोग भड़के हुए हैं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद जवान के परिजनों और गांव वालों का कहना है कि बस अब बहुत हो गया। सरकार को दुश्मनों से बदला लेना चाहिए, मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए, तब जाकर कलेजे को शांति मिलेगी। शहीद की पहचान तरनतारन के हरिकेपत्तन के गांव गंडीविंड का सुखजिंद्र सिंह पुत्र गुरमेल सिंह के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि वह 15 पहले पहले ही छुट्टी खत्म करके ड्यूटी पर गए थे।
श’हीद के पिता गुरमेल सिंह ने बताया कि सुखजिंद्र सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन का जवान था। सुखजिंद्र दो साल पहले ही गांव शकरी निवासी सरबजीत कौर के साथ शादी के बंधन में बंधे थे और उनका 8 महीने का बच्चा गुरजोत सिंह भी है। शहीद का भाई जंटा सिंह पंजाबी सिंगर है। शहादत की खबर देर रात मिली। उसके बाद से परिवार में कोहराम मच गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
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