New Delhi : जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के पिंगलिना में आ’तंकियों से एनकाउंटर में मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल समेत चार जवान शहीद हो गए। 55 राष्ट्रीय राइफल में तैनात मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले थे। एनकाउंटर के दौरान वो आ’तंकियों को घेरे हुए थे, तभी गोली लगने से वो शहीद।
बताया जा रहा है कि बीते साल अप्रैल में ही उनकी शादी निकीता कौल से हुई थी। सोमवार सुबह मेजर की पत्नी दिल्ली मायके जा रही थी तभी ट्रेन में उन्हें मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल के शहीद होने की खबर मिली। ढौंडियाल का घर देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग पर स्थित है। उनके परिवार में मां-दादी के अलावा तीन बहने हैं। उनके पिताजी ओमप्रकाश ढौंडियाल का देहांत हो चुका है। उनके पिता कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे।
पुलवामा एनकाउंटर में देहरादून के मेजर विभूति कुमार के अलावा हरियाणा में रेवाड़ी के रहने वाले सिपाही हरि सिंह, राजस्थान के झुंझुनूं के सेव राम और मेरठ के अजय कुमार शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि मेजर समेत तीन जवानों ने आ’तंकियों को घेर रखा था। तभी आ’तंकियों की ओर से हुई गोलीबारी में उनकी मौ’त हो गई।
बता दें कि इससे पहले बीते शनिवार को जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास आइईडी को डिफ्यूज करते वक्त विस्फोट में शहीद हो गए थे। वो भी उत्तराखंड के रहने वाले थे।
बताया जा रहा है कि बीते साल अप्रैल में ही उनकी शादी निकीता कौल से हुई थी। सोमवार सुबह मेजर की पत्नी दिल्ली मायके जा रही थी तभी ट्रेन में उन्हें मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल के शहीद होने की खबर मिली। ढौंडियाल का घर देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग पर स्थित है। उनके परिवार में मां-दादी के अलावा तीन बहने हैं। उनके पिताजी ओमप्रकाश ढौंडियाल का देहांत हो चुका है। उनके पिता कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे।
पुलवामा एनकाउंटर में देहरादून के मेजर विभूति कुमार के अलावा हरियाणा में रेवाड़ी के रहने वाले सिपाही हरि सिंह, राजस्थान के झुंझुनूं के सेव राम और मेरठ के अजय कुमार शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि मेजर समेत तीन जवानों ने आ’तंकियों को घेर रखा था। तभी आ’तंकियों की ओर से हुई गोलीबारी में उनकी मौ’त हो गई।
बता दें कि इससे पहले बीते शनिवार को जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास आइईडी को डिफ्यूज करते वक्त विस्फोट में शहीद हो गए थे। वो भी उत्तराखंड के रहने वाले थे।
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